इस अभिषेक द्रव्य को बहुत पवित्र माना जाता है और इसी कारण भक्त इसे कभी पार नहीं करते हैं। परिक्रमा करते समय शिवलिंग की क्लोकवाइज और एंटीक्लोकवाइज दोनों तरफ से परिक्रमा पूर्ण की जाती है।
शिव पुराण के अनुसार, शिव आदि और अंत दोनों हैं और उनसे प्रवाहित होने वाली शक्ति और ऊर्जा अनंत है। गौमुखी / निर्मली इस अनंत ऊर्जा या शक्ति का प्रतीक मानी जाती है और माना जाता है कि शिव की शक्ति की ऊर्जा में कोई भी दखल नहीं दे सकता। इसलिये गौमुखी को पवित्र माना जाता है और शिव की हमेशा आधी परिक्रमा की जाती है।