अदभुत धार्मिक स्थल - अक्षैणा में मुराद

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समीपवर्ती ननाओं पंचायत में स्थित अक्षैणा में वर्षो पूर्व स्थापित भगवान शिव पार्वती की मूर्तियों के सामने जो श्रद्धालु सच्चे मन से जो मुरादें मांगते हैं वे पूरी होती हैं।

बुजुर्गो के अनुसार वर्षो पूर्व कुरल गांव के किसान को खेतों में हल जोतते समय किसी के कराहने की आवाज सुनाई दी थी। काफी लोगों के आने पर तथा खेतों को खोदने पर खून से लथपथ शिव-पार्वती की मूर्तियां मिली थीं। तब यहां पर विशाल हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। मूर्तियों पर आज भी हल के निशान देखे जा सकते हैं।

इन मूर्तियों के बारे तरह-तरह की चर्चाओं के बाद महात्माओं की भविष्यवाणी के बाद अक्षैणा महादेव मंदिर बनाया गया, जहां पर पहले भूत प्रेतों का वास था लेकिन भगवान शिव-पार्वती की मूर्तियों की स्थापना के बाद कई साधु-संत तथा महात्मा यहां पर रहने लगे। मंदिर परिसर के चारों ओर रेखा खींचने के बाद यह पवित्र धार्मिक स्थान के नाम से जाना जाने लगा। परमार वशंजों ने इस मंदिर की देखरेख का कार्यभार संभाला। आज यहां पर प्रदेशभर से श्रद्धालु आते हैं। हर वर्ष शिवरात्रि के मौके पर यहां पर तीन दिन तक मेले का आयोजन किया जाता है।

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